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मुलाकात (हास्य व्यंग)

कल कालेज के एक पुराने मित्र से मुलाकात हो गयी
देख कर भी नहीं पहचाना, कुछ अजीब बात हो गयी
मैं बोला, क्यों भाई, पुराने यारों से याराना तोड़ लिया
कालेज के मोटू से आज, अपना मुंह कैसे मोड लिया

मोटापे के जंगल में मंगल, परिवर्तन कैसे कर लिया
अपना चोला, मेरे मोटू भाई, इतना कैसे बदल लिया
मैं क्या अपना कोई दोस्त, तुझे नहीं पहचान सकता
८० को देख १२० किलो वाला, कोई नहीं मान सकता

कीटो डाइट, नेचुरोपेथी, या बेरियाटिक सर्जरी करवाई
लाइपोसक्सन या फिर किसी हकीम की गोलीयाँ खाई
४४ की कमर ३६ लग रही है, आखिर माजरा क्या है
कुछ खाता है या भूखा रहता है, इसका राज क्या है

अपनी सुबह दो ग्लास गुनगुने पानी से शुरु करता हूँ
और सूर्यास्त के बाद खानपान पर कोताही बरतता हूँ
अब शुगर, लिकर और डिनर से, मीलों दूर भागता हूँ
बाकी सब कुछ लेकिन थोड़ा २, और धीरे २ खाता हूँ

जल्दी सोना, जल्दी उठना, और नियमित सैर करना
‘योगी’ आजकल मैं इसी दिनचर्या का पालन करता हूँ

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