मुलाक़ात राही अंजाना 5 years ago निकल कर घोंसले से आ मुलाकात कर ले, मिलने की कहीं से तो आ शुरूवात कर ले, ढूंढते – ढूंढते थक हार कर बैठ गए हैं परिंदे, मुझे लगा गले और सुबह से आ रात कर ले, अब लगाऊँ मैं तेरे हौंसले का अंदाज़ा कैसे, हो सके तो थोड़ी सी मुझसे आ बात कर ले।। राही अंजाना