मुहोब्बत Satish Chandra Pandey 4 years ago मुहोब्बत में इतने अश्किया न बनिये, मुहोब्बत है कोमल, संभल कर ही चलिये। मुहोब्बत हो दोनों तरफ तब नफा है, नहीं तो मुहोब्बत सजा ही सजा है।