मृत मेरा शरीर है, मैं आज भी मरा नहीं,
अटल जिंदगी से एक पल, मैं कभी डिगा नहीं,
मौन मेरे नैन हैं पर शब्द कोई हिला नहीं,
लौट कर आऊँगा मैं ‘अटल’आज भी डरा नहीं॥
राही (अंजाना)
मृत मेरा शरीर है, मैं आज भी मरा नहीं,
अटल जिंदगी से एक पल, मैं कभी डिगा नहीं,
मौन मेरे नैन हैं पर शब्द कोई हिला नहीं,
लौट कर आऊँगा मैं ‘अटल’आज भी डरा नहीं॥
राही (अंजाना)