मेरे गांव का मिट्टी मुझे बुला रहा है,
मेरे गांव का झप्पर मुझे याद आ रहा है।
मेरे मां के हाथों का ब्यंजन और लोरी,
मेरा गांव इशारों इशारों में मुझे बुला रहा है।।
✍महेश गुप्ता जौनपुरी
मेरे गांव का मिट्टी मुझे बुला रहा है,
मेरे गांव का झप्पर मुझे याद आ रहा है।
मेरे मां के हाथों का ब्यंजन और लोरी,
मेरा गांव इशारों इशारों में मुझे बुला रहा है।।
✍महेश गुप्ता जौनपुरी