मेरा बचपन anupriya sharma 8 years ago दोस्त बचपन के याद बहुत आते है जब बिछड़ जाते है कहां बयां हो पाते है जज्बात लफ़्जों में अधूरे ही रह जाते है मुकम्मल होने की हसरत में शरारतें, मस्ती जिनसे होती थी मुकम्मल जिंदगी छूट गयी सब बचपन के साथ याद बहुत आता है मुझे मेरा बचपन