Site icon Saavan

मेरा बचपन

दोस्त बचपन के
याद बहुत आते है
जब बिछड़ जाते है

कहां बयां हो पाते है
जज्बात लफ़्जों में
अधूरे ही रह जाते है
मुकम्मल होने की हसरत में

शरारतें, मस्ती जिनसे होती थी मुकम्मल जिंदगी
छूट गयी सब बचपन के साथ
याद बहुत आता है मुझे
मेरा बचपन

Exit mobile version