मेरे जज्बातों की कद्र
कभी नहीं की उसने
फकत आँसुओं की
सौगात दी उसने
हम उसी की खातिर
मिट गये यारों!
मेरे वजूद की कभी ना
फिक्र की जिसने…
मेरे जज्बातों की कद्र
कभी नहीं की उसने
फकत आँसुओं की
सौगात दी उसने
हम उसी की खातिर
मिट गये यारों!
मेरे वजूद की कभी ना
फिक्र की जिसने…