दिलों में बस जाए तो महोब्बत है वो,
कभी पत्नी-धर्म तो कभी बहू का कर्तव्य निभाती है वो,
कभी बहिन तो कभी ममता की मूरत है वो,
उनके आँचल में हैं से चाँद सितारे,
कभी सहेली बन कर हर दर्द -ग़म को छुपा लेते सीने में,
सब्र की मिसाल, हर रिश्ते की ताकत है वो,
कौन कहता हैं कि वो कमज़ोर है।
आज भी उनके हाथ में अपने घर को चलाने की डोर होती है।
वो तो दफ्तर भी जाते हैं, और अपने घर परिवार को भी संभालते हैं।
हौंसले और हिम्मत की पहचान है वो,
अपने हौसले से तक़दीर को बदलने की ताकत रखते है वो,
वो और कोई नहीं मेरी प्यारी Mam Neha है,