अब मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी 8 महीनेहो गई है कुछ जिद्दी, कुछ नकचढ़ी हो गई है
अब मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी 8 महीने हो गई है
अब अपनी हर बात मनवाने लगी है
हर दिन नई – नई फरमाइशें होती है
लगता है कि फरमाइशों की झड़ी हो गई है
मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी 8 महीनेहो गई है
अगर डांटती हूँ तो हंसती है जब वो हंसती है तो मन को मोह लेती है
घर के कोने कोने मे उसकी महक होती है
मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी 8 महीनेहो गई है
“राज” सपने सारे अब उसी के संवारता है
दुनियाँ में उसको अलग पहचान दिलानी है
मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी 8 महीनेहो गई है