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मेरी हिंदी,मेरा अभिमान!

मेरी भावनाओं में;
जो उत्तथ-पुथल है ,
उनको शांत !
वो आराम से कर सकती है,
माना बहुत सारी है,
भाषाएं इस संसार में,
मगर मेरी आत्मा को तृप्त!
मेरी हिंदी ही कर सकती है।

हिंदी दिवस की सबको हार्दिक शुभकामनाएं।
🙏🙏मोहन सिंह मानुष

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