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मेरे पास

धीरे से मेरे पास आ जाता है कोई
मेरे दिल को लुभा जाता है कोई
मेरे कान में मीठे स्वर बोल
परछाई बन जाता है कोई
मेरा मन ज़रा बेचैन है
उसको ज़रा सा भी नहीं चैन है
दर्शन दे मन शांत कर जाता है कोई
धीरे से मेरे पास आ जाता है कोई

हिमांशु के कलम की जुबानी

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