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मेहंदी

तेरे नाम की मेहंदी
लगा रखी है।
तुझसे मिलने की बेचैनी
दिल में छुपा रखी है।
आओगे तो घूंघट ना खोलूंगी
दरबान बना करके मैने
कमरे में लाज बिठा रखी है।।

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