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मैंने प्रेम शिव पार्वती से सीखा है!❤

मैने प्रेम शिव पार्वती से सीखा है!❤

एक राजकुमारी मैना की,
दूजा था भोला वैरागी,
इस कथा को संग दोनो ने सींचा है,
मैंने प्रेम शिव पार्वती से सीखा है!

एक हट रही देवी सती की,
वरने शिव को अपने पति की,
तप कर के जिसने महादेव को जीता है,
मैंने प्रेम शिव पार्वती से सीखा है!

उस स्नेह, प्रीत और मान के खातिर,
जल गई शिव के सम्मान के खातिर,
वो वैरागी भी कभी वियोग मे चीखा है,
मैंने प्रेम शिव पार्वती से सीखा है!

सौ जन्मों को शिव ने राह तकी है,
नए रूप मे लौटी हर बार सती है,
वो समय भी तो प्रतीक्षा मे बीता है,
मैंने प्रेम शिव पार्वती से सीखा है!

क्या मोह करे वो उन महलों का,
क्या मोल रखे गौरा गहनों का,
शिव बिन जिसका संसार ही फीका है,
मैंने प्रेम शिव पार्वती से सीखा है!

ये अमर कथा ही तो भक्ती है,
गौरी ही तो शिव की शक्ति है,
हुए एक जो “शिव शक्ति” अमीता हैं,
मैंने प्रेम शिव पार्वती से सीखा है!!!

~प्रेरणा भारद्वाज🌹

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