मैं कभी-कभी निकलता हूँ जमाने में Mithilesh Rai 8 years ago मैं कभी-कभी निकलता हूँ जमाने में! शाँम-ए-गुफ्तगूं होती है मयखाने में! #पैमाने थक जाते हैं सब्र से मेरे, वक्त तो लगता है ख्वाब को जलाने में! Written By #महादेव