छलक जाए पैमाना, मैं जाम नहीं।
भले खास ना सही, पर आम नहीं।
एक बार गले लगा कर तो देखो,
भूला सको मुझे, वो मैं नाम नहीं।
गुरूर नहीं मेरा, खुद पर यकीन है,
आज़मा लो, पीछे हटाता गाम नहीं।
तुमको माना देवकी, मुझ ‘देव’ की,
पर अफसोस है, की मैं राम नहीं।
देवेश साखरे ‘देव’
1.गाम- कदम