वक्त की कलम से जिन्दगी के हँसी पल लिखने जा रहा हूँ मैं,
गमों की परछाई पर खुशियों के साये सा छाने जा रहा हूँ मैं,
गर समझ हो तो आ जाना मेरे साथ , वरना अपना ही साथ आजमाने जा रहा हूँ मैं,
वक्त की कलम से जिन्दगी के हँसी पल लिखने जा रहा हूँ मैं,
गमों की परछाई पर खुशियों के साये सा छाने जा रहा हूँ मैं,
गर समझ हो तो आ जाना मेरे साथ , वरना अपना ही साथ आजमाने जा रहा हूँ मैं,