मोहब्बत Virendra 3 years ago ये पता है कि दुश्वारियां बहुत हैं मोहब्बत की पथरीली राहों में । न जाने फिर भी क्यों बेचैन रहता है दिल सिमटने को किसी की बाहों में। वीरेंद्र सेन प्रयागराज