मौला अपनी तू रहो मे,
बैठे रहने दे छाओ मे
एक दिन तो होगा कर्म
ये भ्रम तो रहने दे !
चाहे सपनो को सपने रहने दे,
लकिन अपने तो रहने दे
शिकवे, शिकायत क्या करने है
पर कुछ तो हक से कहने दे!
मौला अपनी तू रहो मे,
बैठे रहने दे छाओ मे
एक दिन तो होगा कर्म
ये भ्रम तो रहने दे !
चाहे सपनो को सपने रहने दे,
लकिन अपने तो रहने दे
शिकवे, शिकायत क्या करने है
पर कुछ तो हक से कहने दे!