तेरी तस्वीर के आगे सर झुका नही सकती बोझिल पलकेँ मै उठा नही सकती…!!!
मज़बूरी का आलम ये कि इस बुझती शम्मा को फ़िर से मै जला नही सकती…!!!
रश्मिजैनRJ®
तेरी तस्वीर के आगे सर झुका नही सकती बोझिल पलकेँ मै उठा नही सकती…!!!
मज़बूरी का आलम ये कि इस बुझती शम्मा को फ़िर से मै जला नही सकती…!!!
रश्मिजैनRJ®