मज़बूरी Rashmi Jain 8 years ago तेरी तस्वीर के आगे सर झुका नही सकती बोझिल पलकेँ मै उठा नही सकती…!!! मज़बूरी का आलम ये कि इस बुझती शम्मा को फ़िर से मै जला नही सकती…!!! रश्मिजैनRJ®