यथार्थ =दोहे राकेश 3 years ago बिन मतलब कोई नहीं, करता देखो बात अहंकार का संग है, बड़ी भयानक रात 2 बूढो से कोई नहीं, करता देखो बात बात बात में हो रहे, कैसे कैसे घात 3 दुख सुख अब बांटे कहाँ, व्यस्त हुए सब लोग अपनी राग अलापने, का लगा भारी रोग