होली है
पावन त्यौहार
उड़ रहे हैं रंग
मगर यह कैसी है हुड़दंग,
कई पड़े हुए हैं
सड़क पर नालियों पर
पीकर शराब,
कर दी है उन्होंने
अपने पारिवारिकजनों की
खुशियाँ खराब।
लगी में दौड़ा रहे हैं
अनियंत्रित वाहन,
राहगीरों पर
फेंक रहे हैं
हो-हल्ले का पाहन।
पवित्र होली
में स्वयं का अपवित्र चेहरा
दिखाकर मौहल बिगाड़ रहे हैं
और दिनों की खुंदक
त्यौहार में निकाल रहे हैं।