यूँ तो नज़रन्दाज़ नहीं करते लोग खामियाँ मेरी राही अंजाना 6 years ago यूँ तो नज़रन्दाज़ नहीं करते लोग खामियाँ मेरी, तो मैं भी क्यूँ दिखाऊं खुलकर उनको खूबियां मेरी, अभी सीख रहा हूँ तैरना तो हंसी बनाने दो मेरी, जब डूब कर समन्दर से निकल आऊंगा तो देखेंगे वो करामात मेरी॥ राही (अंजाना)