ये कश्मीर है,
कहते हैं, धरती का स्वर्ग इसे
पर कहां रहा ये स्वर्ग अभी,
बदल गई इसकी तस्वीर है
चप्पे-चप्पे पर सैनिक खड़े हैं,
फ़िर भी आतंकवादी यहां आकर लड़े हैं
शॉल, फिरन मिलें सुंदर यहां पे,
केसर, अख़रोट,सेब हैं उम्दा यहां के
डल-झील की अनुपम छटा है,
चिनारों का ऐसा सौन्दर्य और कहां है
अनुपम,अनूठा दृश्य हुआ जब,
कोमल-कोमल बर्फ गिरी
सुन्दर स्थान का नाश किया,
ये कैसा उपहास किया
देख के दिल तो जलता है,
अब आतंक ही यहां पर पलता है
बस अब तो प्रभु से ये अरदास करें,
पहले सा कश्मीर हो,
लोग चैन से इसमें वास करें ।
*****✍️गीता