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ये प्यार हटा दो तुम दिल से कहीं धोखा ये दे जाये ना

ये प्यार हटा दो तुम दिल से कहीं धोखा ये दे जाये ना,
कसमों वादों और बातों में कहीं रात गुज़र ये जाये ना,

सच बोलूँ तो है प्यार बहुत कहीं आँखों से छलक ये जाये ना
दिल से दिल की इन बातों में कहीं दिल ही बिखर ये जाये ना

बड़ी देर से मैं भी मुन्तजिर हूँ बड़ी देर लगा दी आनें में,
गर इतनी देर लगाओगे तो जान निकल ये जाये ना,

इस रंग भरी दुनिया में तुम बेरंग नज़ारे ना देखो,
इन आँखों को तो तुम ढ़क लो कहीं घायल ये कर जाये ना,

ये अदा है ज़हर है या रूप नया इस बात को ज़रा बता जाओ
यूँ होठ दबाओं ना दाँत तले कहीं जंग अभी छिड़ जाये ना,

पसे-मर्ग ना पढ़ो कसीदा तुम ये दोज़ख में हमें सतायेंगे,
पर्दा कर लो तुम चेहरे पर कहीं चाँद भी शर्मा जाये ना,

गैरों से नहीं हैं पर्दा गर तो हम से ही ये शर्माना क्यों,
यूँ छुप छुप कर ना देखो यार हमें कहीं प्यार हमें हो जाये ना

उँगली थामों या हाथ पकड़ दरिया-ए-इश्क तुम पार करो,
बर्षों से मुसाफिर भटक रहा कहीं राह भूल ये जाये ना,

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