मेरे गीतों में बह आई, रंग भरी नव सरिता,
खूब बहारें भरकर गाई, रंग भरी यह कविता।
खूब अबीर गुलाल उड़ायें, गायें और बजायें।
जीवन की सारी उलझन को, आओ दूर भगायें।
खुश रहना ही असल जिन्दगी, है सबको समझायें,
सब लोगों को हर्षित कर दें, खुद मन में हरषाएँ।
मेरे गीतों में बह आई, रंग भरी नव सरिता,
खूब बहारें भरकर गाई, रंग भरी यह कविता।
खूब अबीर गुलाल उड़ायें, गायें और बजायें।
जीवन की सारी उलझन को, आओ दूर भगायें।
खुश रहना ही असल जिन्दगी, है सबको समझायें,
सब लोगों को हर्षित कर दें, खुद मन में हरषाएँ।