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रस्म कुछ फेस बुक में

फ्रेंडशिप डे पर फेस बुक के सभी दोस्तों के लिए

रस्म कुछ फेस बुक में हम इस तरह निभाते है
बिन मिले कभी हम दोस्ती का फ़र्ज़ निभाते है

हर वक़्त आँखें गड़ी रहती दोस्तों की पोस्ट पर
अपनी आँखों से हम दोस्तों की पोस्ट को सजाते है

कुछ लोग टैग करने में लगे रहते है दूजों की वाल में
गर्व ऐसे वीरों पे जो दूसरी सरहदों पे झंडा अपना लहराते है

होड़ लगी रहती है यहाँ लाइक्स और कमेंट की इस तरह
जैसे फेसबुक पे लाइक्स का सब नोबेल पुरुस्कार पाते है

अच्छे को अच्छा कहना अच्छा ही लगता सब को लेकिन
ऐसे भी दोस्त है जो सच को दर्पण दिखाने से शर्माते है

सभी धर्मों का आदर करते सबका साथ रहता है सदा
इस फेसबुक की दुनिया में हम संग सारे त्यौहार मनाते है

हमें है विश्वास यहाँ,सम्मान यहाँ , इक दूजे के विचारों का
विचारों का मिलना जहाँ में मुश्किल, यहाँ पल में मिल जाते है

इस दोस्ती को नाम क्या आखिर दे दिल से ‘अरमान’
सलाम सब दोस्तों को जो खून से बढ़कर रिश्ते निभाते है

राजेश’अरमान’

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