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रस्म

किसी रस्म किसी किस्म का ताला नहीं लगता,

इस जीवन के पौधे पर कोई जाला नहीं लगता,

जंक लग जाती है बाँधने वालों की ज़ुबाँ पे मगर,

इस रूह की माटी पे कोई गाला (उत्सव) नहीं लगता।।

राही (अंजाना)

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