वज़ूद आईने का सामने आ गया
जब कोई पत्थर से ठोकर खा गया
तब से सम्भाल रखता हूँ ज़ख्मों को
जब कोई दोस्त नमक ले आ गया
राजेश”अरमान”
वज़ूद आईने का सामने आ गया
जब कोई पत्थर से ठोकर खा गया
तब से सम्भाल रखता हूँ ज़ख्मों को
जब कोई दोस्त नमक ले आ गया
राजेश”अरमान”