राजेश”अरमान” rajesh arman 8 years ago वज़ूद आईने का सामने आ गया जब कोई पत्थर से ठोकर खा गया तब से सम्भाल रखता हूँ ज़ख्मों को जब कोई दोस्त नमक ले आ गया राजेश”अरमान”