यह सच है कि
जिस रावण को राम ने मारा था
वह मर गया था
लेकिन कुछ दिनो बाद
प्रतिशोध की ज्वाला में जलते हुए
आया शुक्राचार्य
संजीवनी शक्ति का किया संचार
कर दिया रावण को पुनः जिंदा
पूरी सेना किया तैयार
इस रावण के दस नहीं शिर थे कई हजार
अनगिनत भुजाओं में असंख्य हथियार
ये हरण नहीं करता नारियों का
करता है बलात्कार
रहता नहीं है यह लंका
पूरी दुनिया में बजता है
इसका डंका
इसका भाई कुंभकरण भी खाता है दिन रात
सोता नहीं है
मार डालता है उसको जो
रावण का होता नहीं
मचता गया हाहाकार
तब सज्जन दो चार
गए विष्णु के द्वार
कब लोगे प्रभु अवतार
भगवान् ने कहा
जब नहीं रह जाएंगे तुम जैसे दो चार
संसार करेगा रावण की अधीनता स्वीकार
तब शिव का तीसरा नेत्र
खुल जाएगा
प्रलय नृत्य करेंगे शिव
प्रथ्वी का नाश होगा
कोई नहीं
बच पाएगा
जब तक प्रलय नहीं होता तब तक
शरण लो अजर अमर हनुमान की
वही रक्षा करेगे तुम्हारे
धर्म और प्राण की
बोलो जय हनुमान की
कलयुग के भगवान् की