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रिवाज

अपनाते हैं बुरी राह जो उनके दोस्त कई बन जाते हैं
सांच की राह चलने वाले खुद को अकेला पाते हैं
हर गुनाह को अच्छा कहने का रिवाज चला है
मारे जाते हैं वो लोग जो हां में हां नहीं मिलाते हैं

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