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रिश्ते

जिन्हें हम याद करना नहीं चाहते
उन्हे ही भुला नहीं पाते
जो पल भूल गए हैं
उनका अहसास भुला नहीं पाते၊

आँसू जो अब तक बहें नहीं
उन्हें सुखा नहीं पाते
जो सूख चुके हैं
उनका स्वाद भुला नहीं पातें

तस्वीरे जो धुंधली नहीं हुई
उन्हे उतार नहीं पाते
जो उतर गई है।
उनके दाग हटा नहीं पातें

रिश्ते भी कितने अजीब होते हैं

जिन्हें देख परख कर बनाया था
कभी कभी
साथ रहते हुए चुभते हैं
और कभी तो
बीच राह छोड़ जाते है
मुड़ कर देखते तक नहीं၊

जो साथ बस बन जाता है
कभी कभी
वह सबसे गहरा हो जाता हैं
अपने निशान तक छोड़ेते नहीं ၊၊
– रिया

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