रेत हाथों से यूँ ही न सरक पाएगा राही अंजाना 6 years ago रेत हाथों से यूँ ही न सरक पाएगा, गर उँगलियों में दूरी रखोगे नहीं, रंग चेहरे का फीका न हो पायेगा, गर रिश्तों में किस्से रखोगे नहीं, अब कुछ नहीं इन आँखों से हो पायेगा, गर ज़ुबा से तुम कुछ भी कहोगे नहीं।। राही (अंजाना)