लय Satish Chandra Pandey 4 years ago फ्रिज में रखी शब्जी की तरह धीरे धीरे खराब हो रही है मेरी लय, कल कहीं बेसुरा न हो जाऊं पढ़ ले जल्दी से उन पंक्तियों को जो मैंने तेरे लिए लिखी हैं। —- डॉ0 सतीश पाण्डेय, चम्पावत उत्तराखंड