लेखनी को दूषित करते हैं vivek singhal 3 years ago बड़ी बात करते हैं लोग पर बड़ा ह्रदय ना रखते हैं कुछ अभिलाषा मन में जागे तो फिर कुबड़ाई करते हैं लेखनी को दूषित करते हैं अपनी कुत्सित सोंच से दूसरे की ना सुनते बस अपनी ही कहते रहते हैं