वतन परश्ती के लिये कोई हिन्दू कोई मुसलमाँ नहीं होता ,
जिधर भी देखो हर वक्त मौजूद भगवान नहीं होता,
ज़रा नफरत की आग तो बुझाओ हर तरफ तुम्हें यही पैगाम दिखेगा,
जिस जिस के दिल में भी तुम झाकोगे बस हिन्दुस्तान दिखेगा,
वतन परश्ती के लिये कोई हिन्दू कोई मुसलमाँ नहीं होता ,
जिधर भी देखो हर वक्त मौजूद भगवान नहीं होता,
ज़रा नफरत की आग तो बुझाओ हर तरफ तुम्हें यही पैगाम दिखेगा,
जिस जिस के दिल में भी तुम झाकोगे बस हिन्दुस्तान दिखेगा,