चलाता रहता हूँ बैठ के साख पे अपनी mobile,
गर्मी है साहब पसीने से भीगना नहीं चाहता।
Shayar Rajjneesh kann
चलाता रहता हूँ बैठ के साख पे अपनी mobile,
गर्मी है साहब पसीने से भीगना नहीं चाहता।
Shayar Rajjneesh kann