तुम धरा सी धीरजता,
सूर्य सी तपन बन जाओ
आंच न देश पर आये,
चिंगारी हो,अगन बन जाओ
रोक दो आतंक को,
वीरो तुम प्रलय बन जाओ
बाँध कर सर पे कफ़न,
तुम तूफ़ान से टकरा जाओ
-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
तुम धरा सी धीरजता,
सूर्य सी तपन बन जाओ
आंच न देश पर आये,
चिंगारी हो,अगन बन जाओ
रोक दो आतंक को,
वीरो तुम प्रलय बन जाओ
बाँध कर सर पे कफ़न,
तुम तूफ़ान से टकरा जाओ
-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-