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वीर

छोड़ कर घरबार अपना,
सीने पर गोली झेली

बहा के अपने रक्त को,
बचा ली मांगों की रोली

खेल सकें हम सब होली,
सीने पर झेली गोली

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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