मै आज भी वही हूँ,
जैसा तुमको पसंद है।
लेकिन हम वैसा भी नही,
जैसा तुम्हारे पिता का पंसद है।
तुम मेरी पहली प्यार थी,
लेकिन मै क्या करू रिस्ते और नाते दौलत के तलवार बनाते।
मै आज भी खुश हूँ तुम्हारी खुशी देखकर,,
लेकिन दिल हारने लगता कभी तेरा याद कर-कर।
मै आज भी कुवाँरा हूँ ,,
तेरे साथ जो वादे किये थे उस पर डटकर।
एक बार तुम कभी मिलने आ जाना ,,
नदान दिवाना समझकर।।
ज़्योति
मो० 9123155481