दर्द में मेरी जीभ मेरी नहीं होती,।फिर तुम तो कहीं बाहर से आये मेरी जिन्दगी में,।न सोचना तुम्हें सोचती हूँ ,मैं,तुम्हें माथे पर रखा ,खुद को बहुत कोशती हूँ ,मैं,,।।कविता पेटशाली 💔💔💔💔💔💔💔
दर्द में मेरी जीभ मेरी नहीं होती,।फिर तुम तो कहीं बाहर से आये मेरी जिन्दगी में,।न सोचना तुम्हें सोचती हूँ ,मैं,तुम्हें माथे पर रखा ,खुद को बहुत कोशती हूँ ,मैं,,।।कविता पेटशाली 💔💔💔💔💔💔💔