वो प्यार कर रही थी
अपने लबों से मेरे होंठों पर इजहार कर रही थी
मुझसे कभी रुखसत न होना
ऐसे वादे हजार कर रही थी
……………………..
अनूप हसनपुरी
वो प्यार कर रही थी
अपने लबों से मेरे होंठों पर इजहार कर रही थी
मुझसे कभी रुखसत न होना
ऐसे वादे हजार कर रही थी
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अनूप हसनपुरी