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वो बूढ़ा बरगद”

आज तुम्हारे साथ
कुछ वक्त बिताने को जी चाहता है हां, तुम्हारी याद
बहुत जोरों से आ रही है
क्या है तुम्हारे पास वक्त मेरे लिए ?
अगर है,
तो आ जाओ वहीं
जहां हम रोज मिला करते थे,
कॉलेज खत्म होने के बाद
जहां आ जाया करते थे
वह बूढ़ा बरगद
आज फिर
हमारे इंतजार का तलबगार है।
आज फिर मेरे पास
आकर कुछ देर बैठो,
अपनी जिंदगी की कुछ सच्चाई मुझसे बया करो और
मुझसे कुछ सुनो।
क्यों ना फिर हम
पहले जैसे दोस्त हो जाए
काश! हमारी मुलाकात हो और
वह पल वहीं पर थम जाए।।

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