हमको तन्हाई में बुला-बुला कर रोये
अपने आंसुओं को छुपा-छुपा कर रोये
जब देखी उस ने हमारी सिद्क़-ऐ-दिल लोगो
अपने ही आँचल में, वो मुँह छुपा-छुपा कर रोये…………….!!
D K
हमको तन्हाई में बुला-बुला कर रोये
अपने आंसुओं को छुपा-छुपा कर रोये
जब देखी उस ने हमारी सिद्क़-ऐ-दिल लोगो
अपने ही आँचल में, वो मुँह छुपा-छुपा कर रोये…………….!!
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