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वो याद आये..

कुछ अश्कों की महफिल जमी और वो याद आये
रुखसार कुछ नम से हुए और वो याद आये

एक जमाने की मोहब्बत वो चंद लम्हो में भुला बैठे
हम भूलकर भी उन्हे भूला ना पाये और वो याद आये

चांद और उनका क्या रिश्ता है, हमें नहीं मालूम
फ़लक पे चांद उतरा और वो याद आये

तरन्नुम ए इश्क गाते रहे तमाम उम्र हम
कोई नगमा कहीं गुंजा और वो याद आये

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