वज़ूद अपना ज़माने rajesh arman 8 years ago वज़ूद अपना ज़माने से जुदा रख अपने अरमानों को गुमशुदा रख परिंदे के वास्ते अर्श की सरहदें कहाँ अपने अंदर कोई दोस्त कोई ख़ुदा रख राजेश’अरमान’