कदम दूसरों के लड़खड़ाकर खुद की अकड़ कायम रखती है,
ये वो शराब की बोतल है जो अपना रुतबा कायम रखती है,
भुला देती है खून के रिश्ते जितने हों गहरे सारे,
पर ये बोतल इस ज़मी पे अपना ही रुबाब कायम रखती है।।
राही (अंजाना)
शराब

कदम दूसरों के लड़खड़ाकर खुद की अकड़ कायम रखती है,
ये वो शराब की बोतल है जो अपना रुतबा कायम रखती है,
भुला देती है खून के रिश्ते जितने हों गहरे सारे,
पर ये बोतल इस ज़मी पे अपना ही रुबाब कायम रखती है।।
राही (अंजाना)