था मैं चला कहां से, इसकी ना कोई याद मुझे
हुआ मैं ग़लत कहां पे, इसका ना आभास मुझे
चेतना है धुंधली सी, शायद था मैं कोई अंग तेरा
क्या वोही है घर मेरा, जिस्मे था कभी संग तेरा
…… युई
था मैं चला कहां से, इसकी ना कोई याद मुझे
हुआ मैं ग़लत कहां पे, इसका ना आभास मुझे
चेतना है धुंधली सी, शायद था मैं कोई अंग तेरा
क्या वोही है घर मेरा, जिस्मे था कभी संग तेरा
…… युई