शायरी ज्योति कुमार 6 years ago जब-जब तु पास आती क्यो शरमाती हो, मैने तो तुम्हारी बड़ी–बड़ी आँखो से प्यार किया क्यो शरम के मारे हाथ से आँख ढ़क लेती हो